Isa [Jesus]) a sign (of Our power) for the people of the world.
[al-Ambiyā’, 21:91]
وَ الَّتِیۡۤ اَحۡصَنَتۡ فَرۡجَہَا فَنَفَخۡنَا فِیۡہَا مِنۡ رُّوۡحِنَا وَ جَعَلۡنٰہَا وَ ابۡنَہَاۤ اٰیَۃً لِّلۡعٰلَمِیۡنَ
﴿۹۱﴾
And (call to mind) that (embodiment of purity) Maryam ([Mary] as well) who guarded her chastity. Then We breathed into her of Our Spirit, and We made her and her son (‘Isa [Jesus]) a sign (of Our power) for the people of the world.
और उस (पाकीज़ा) ख़ातून (मर्यम अ़लैहा अस्सलाम) को भी (याद करें) जिसने अपनी इफ्फत की हिफाज़त की फिर हमने उसमें अपनी रूह फूंक दी और हमने उसे और उसके बेटे (ईसा अ़लैहिस्सलाम) को जहान वालों के लिए (अपनी क़ुदरत की) निशानी बना दिया।
[al-Mu’minūn, 23:50]
وَ جَعَلۡنَا ابۡنَ مَرۡیَمَ وَ اُمَّہٗۤ اٰیَۃً وَّ اٰوَیۡنٰہُمَاۤ اِلٰی رَبۡوَۃٍ ذَاتِ قَرَارٍ وَّ مَعِیۡنٍ
And We made ‘Isa (Jesus), the son of Maryam (Mary), and his mother Our (great) sign. And We provided them a comfortable and facilitated abode on a pleasant, elevated ground fit for living with ease and comfort, and there was flowing water (i.e., streams, waterfalls and springs—a feast) for sight.
और हमने इब्ने मर्यम (ईसा अ़लैहिस्सलाम) को और उनकी मां को अपनी (ज़बर्दस्त) निशानी बनाया और हमने उन दोनों को एक (ऐसी) बलन्द ज़मीन में सुकूनत बख़्शी जो ब आसाइशो आराम रहने के क़ाबिल (भी) थी और वहां आंखों के (नज़ारे के) लिए बहते पानी (यानी नहरें, आबशारें और चश्मे भी) थे।
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