क़ुरबानी करने वाले को क़ुरबानी के जानवर के हर बाल के बदले में एक नेकी मिलती है।
सुब्ह़ानल्लाह ! ई़दे क़ुरबान पर अल्लाह पाक क़ुरबानी का फ़रीज़ा सर अन्जाम देने वाले ख़ुश नसीबों को उन के जानवरों के हर बाल के बदले एक नेकी अ़त़ा फ़रमाता है । क़ुरबानी करने वालों को दोज़ख़ की आग से नजात मिलती है । जानवर के ख़ून का पहला क़त़रा ज़मीन पर गिरने से पहले-पहले गुनाह मुआ़फ़ कर दिये जाते हैं ।क़ियामत के दिन क़ुरबानी नेकियों के पल्ड़े में रखी जायेगी, तो वोह भारी हो जायेगा । क़ुरबानी करने वाला मुसलमान अपने जानवर पर सुवार हो कर पुल सिरात़ से ब-आसानी गुज़र जायेगा । और उस जानवर का हर उ़ज़्व क़ुरबानी पेश करने वाले मुसलमान के हर उ़ज़्व के लिये दोज़ख़ से आज़ादी का फ़िदया बनेगा ।
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